DETAILS, FICTION AND NEERAJ CHOPRA BIOGRAPHY IN HINDI

Details, Fiction and Neeraj Chopra Biography in Hindi

Details, Fiction and Neeraj Chopra Biography in Hindi

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नीरज चोपड़ा ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि उन्होंने जैवलिन थ्रो की प्रारंभिक शिक्षा सेवानिवृत्ति चेक ट्रैक और यूट्यूब वीडियो देखकर सीखा है।

उनकी जीत ने भारत के लोगों का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया।

नीरज चोपड़ा का परिवार वर्तमान समय में हरियाणा के पानीपत जिले के पास एक छोटे से गांव खद्रा में रहता है। उनके पिता सतीश चोपड़ा गांव के एक छोटे किसान हैं उनकी माता सरोज चोपड़ा एक गृहणी है। नीरज पिक बहुत ही साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिनका पूरा बचपन हरियाणा के गांव में बीता है।

नीरज चोपड़ा को भाला फेंक के क्षेत्र में कोच ’उवे होन’ ने प्रशिक्षित किया. उन्होंने इस प्रशिक्षण के बाद स्वयं को जैवलिन थ्रो में सक्षम बनाया.

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दोस्तों नीरज चोपड़ा की जीवनी में हमने आपको बताया कि किसी समय अपने लिए एक प्रोफेशनल जैवलिन न खरीद पाने वाले नीरज चोपड़ा पर टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद मानों रुपयों की बारिश होने लगी, जो इस प्रकार हैं-

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स्वर्ण पदक जीतने के बाद सरकार ने कि पुरस्कार की बारिश

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वे अब तक, केवल दो भारतीयों में से एक हैं जिन्होंने व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते हैं (दूसरे अभिनव बिंद्रा)।

सेना का सर्वोच्च सम्मान वशिष्ट सेवा मेडल से नीरज चोपड़ा को सम्मानित किया गया है।

भारत के महान एथलीट नीरज चोपड़ा ने अपनी पढ़ाई हरियाणा के पानीपत में ही प्रारंभ की एवं अपनी प्रारंभिक शिक्षा को पूर्ण करने के बाद वह चंडीगढ़ आ गए, चंडीगढ़ में एक बीबीए कॉलेज ज्वाइन किया और वहां से उन्होंने अपनी एजुकेशन की डिग्री हासिल की।

. Talking about his Olympic get, he claimed, “Now Anyone in India understands what a javelin is. I’m most joyful about that.” That’s no small feat in a nation where cricket is far and absent the dominant Activity.

नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक की अपनी जीत को देश के महान धावक ‘फ्लाइंग सिख’ मिल्खा सिंह को समर्पित किया है ।

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